Monday, March 2, 2015

भारतीय रेल का संक्षिप्त इतिहास

मुझे एक समाचार वेबसाइट के जरिये भारतीय रेल के बारे में बहुत ही महत्वपूर्ण और जानकारियों से भरा पोस्ट मिला, जो परीक्षा की तैयारी कर रहे विधार्थियों के साथ-साथ दुसरे लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण है. मैं उस जानकारी को आपलोगों के साथ बांट रहा हूँ.

भारतीय रेल का इतिहास भारत में रेलों का इतिहास अप्रैल 1853 से शुरू होता है। देश में पहली ट्रेन 16 अप्रैल 1853 को बॉम्बे से ठाणे के बीच चली थी। इस ट्रेन में 14 बोगीयों को खींचने के लिए 3 इंजन लगाए गए थे। इस ट्रेन के लिए पटरी भी दो भारतीयों जगन्नाथ शंकरसेठ और जमशेदजी जीजीभाई ने बिछवाई थी। जगन्नाथ सेठ ने इस ट्रेन में सफर भी तय किया था।
आज भारतीय रेलवे में हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध हैं लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि भारतीय रेलों में शुरू में टॉयलेट नहीं हुआ करते थे। वर्ष 1909 में पैसेंजर ट्रेन से सफर कर रहे एक यात्री ओखिल चंद्र सेन ने साहिबगंज रेल डिविजन ऑफिस को पत्र लिखकर अपनी असुविधा के बारे में बताया जिसके बाद ब्रिटिश शासन ने ट्रेनों में टॉयलेट की शुरूआत की। इसके बाद पूरे विश्व की ट्रेनों में टॉयलेट की सुविधा उपलब्ध कराई गई। भारतीय रेलवे के नाम वर्ल्ड रिकॉर्ड भी है। विश्व का सबसे ऊंचा रेलवे पुल भारत की चिनाब नदी पर बन रहा है। सिविल इंजीनियरिंग के चमत्कार का आश्चर्य यह पुल पूरा बनने के बाद पेरिस के एफिल टावर को भी ऊंचाई के मामले में पीछे छोड़ देगा। भारतीय रेलवे ट्रेक की कुल लंबाई लगभग 115,000 किलोमीटर है जिसके दम पर भारतीय रेलवे अमरीका, चीन और रूस के बाद दुनिया का चौथा सबसे बड़ा नेटवर्क है। भारतीय रेलवे में लगभग 16 लाख लोग कार्य करते हैं। इस तरह यह दुनिया का 9वां सबसे बड़ा एंप्लायर है।भारतीय ट्रेनों द्वारा एक दिन में तय किया गया कुल दूरी इतना लंबा है कि इसकी धरती से चांद के बीच की दूरी से तुलना की जाए तो भारतीय रेलवे द्वारा तय किए गए कुल सफर की लंबाई पृथ्वी और चन्द्रमा के बीच की कुल लंबाई की कम से कम साढ़े तीन गुना अधिक है। यही नहीं भारतीय ट्रेनों में प्रतिदिन 2.5 करोड़ लोग यात्रा करते हैं। यह जनसंख्या ऑस्ट्रेलिया की कुल जनसंख्या के बराबर बैठती है। भारत में छोटे-बड़े कुल मिलाकर 7,500 रेल्वे स्टेशन हैं।उत्तरप्रदेश के लखनऊ का चारबाग स्टेशन अन्य रेल स्टेशनों से अलग अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता हैइसके अतिरिक्त नई दिल्ली के मेन स्टेशन का नाम दुनिया के सबसे बड़े रूट रिले इंटरलॉकिंग सिस्टम के लिए गिनिज बुक ऑफ रिकॉर्डस में भी दर्ज किया गया है।विश्व का सबसे लंबे प्लेटफॉर्म का रिकॉर्ड भी भारतीय रेलवे के ही नाम है। उत्तरप्रदेश के गोरखपुर स्थिति स्टेशन प्लेटफॉर्म की लंबाई 1366.33 मीटर है। भारतीय रेलवे का मस्कट भोलू नामक हाथी है। यह हाथी बतौर गॉर्ड तैनात है।

(साभार : patrika.com)



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